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मंगलवार, अगस्त 03, 2021

WTC-2 में भारत के लिए मुश्किल डगर

वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के प्रथम संस्करण में भारतीय टीम से काफ़ी उम्मीदें थी, लेकिन फाइनल में टेस्ट मैच के लिए निर्धारित अतिरिक्त दिन में किए गए उनके प्रदर्शन ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया| फाइनल मैच वर्षा के चलते अतिरिक्त दिन तक खिंचा और अतिरिक्त दिन की शुरूआत के समय भारत ने सिर्फ दो विकेट गंवाए थे| ऐसे में अगर भारतीय बल्लेबाज़ पिच पर समय गुजारते तो मैच बचाया जा सकता था और वे संयुक्त विजेता होते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब भारत पहले संस्करण का उपविजेता  बनकर रह गया| यह उपविजेता होना तब तक तो बड़ी उपलब्धि रहेगा, जब तक वह विजेता नहीं बन जाता| पहले संस्करण की समाप्ति के साथ ही दूसरे संस्करण की शुरूआत हो चुकी है| इस बार भारतीय टीम चैम्पियन बनेगी या नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है, फिलहाल भारतीय टीम का ध्यान एक-एक श्रृंखला को जीतकर फाइनल का स्थान पक्का करने पर होगा, लेकिन इस बार यह डगर मुश्किल लग रही है| 2021 से 2023 तक चलने वाली इस चैम्पियनशिप में भारत को छह श्रृंखलाएँ खेलनी हैं, जिनमें तीन घर में होंगी और तीन बाहर| भारतीय टीम न्यूजीलैंड, श्रीलंका और आस्ट्रेलिया से भारत में भिड़ेगा, जबकि इंग्लैण्ड, द. अफ्रीका और बंगलादेश से उनकी जमीन पर|
              टेस्ट क्रिकेट में घर से बाहर जाकर खेलना सभी टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन सभी टीमें कुछ जगहों पर विशेष दिक्कत महसूस करती हैं| भारत भी अपने घर में सभी के लिए कड़ी चुनौती महसूस करता है| ऐसे में न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया के लिए भारतीय दौरा कठिन होगा, वहीं भारतीय टीम के लिए द. अफ्रीका और इंग्लैण्ड का दौरा बेहद चुनौतीपूर्ण है| इन दोनों जगहों पर भारतीय रिकार्ड बेहद खराब है| अगर चैम्पियनशिप के प्रथम संस्करण की बात करें तो भारत के सामने न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया की जमीन पर खेलना बड़ी चुनौती थी, जिसमें भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया को उसके घर में हराकर करिश्मा किया और इसी करिश्मे के कारण उसका फाइनल का रास्ता आसान हुआ| इस बार भी फाइनल में पहुंचने के लिए उसे द. अफ्रीका और इंग्लैण्ड में से कम-से-कम एक टीम को उसके घर पर हराना होगा|
                इंग्लैंड की चुनौती सबसे पहले उसके सामने है| WTC का फाइनल समाप्त होने के बाद से ही भारतीय टीम इंग्लैंड में है| हालांकि टीम को ज्यादा अभ्यास मैच नहीं मिले, लेकिन मौसम से अभ्यस्त होने का पर्याप्त समय उन्हें मिला है| इन दिनों खिलाडियों को लेकर भी कुछ समस्याएँ सामने आई हैं| इन समस्याओं ने चयन-प्रणाली पर भी प्रश्नचिह्न लगाए हैं| जब भी कोई टीम विदेशी दौरे पर जाति है, तो उसके पास अतिरिक्त ओपनर बल्लेबाज, अतिरिक्त मध्यक्रम बल्लेबाज़, अतरिक्त विकेटकीपर और अतिरिक्त गेंदबाज़ होने ही चाहिए| जब इंग्लैण्ड दौरे के लिए टीम चुनी गई तो लग रहा था कि भारतीय टीम में चार ओपनर बल्लेबाज़ हैं, लेकिन शुभमं गिल के चोटिल होते ही भारतीय टीम के प्रबंधकों ने ओपनर बल्लेबाज़ की माँग कर दी| यह माँग मयंक अग्रवाल का अपमान भी है और यह सवाल भी खड़ा करती है कि अगर मीक अंतिम एकादश में शामिल होने लायक नहीं था, तो क्या उसका चयन सिर्फ इंग्लैंड घूमने के उद्देश्य से किया गया था| इसके अतिरिक्त लोकेश राहुल का चयन भी अतिरिक्त ओपनर के रूप में ही हुआ होगा, क्योंकि अतिरिक्त विकेटकीपर और मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में तो उससे कई बेहतर विकल्प मौजूद हैं| 
                 जो भी हो भारतीय टीम के साथ पृथ्वी शॉ और सूर्यकुमार जुड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में चुने जाने में समय लगेगा| पहला टेस्ट इनके बिना खेला जाना निश्चित है| पहले टेस्ट से पहले मयंक के चोटिल होने का समाचार आ रहा है, ऐसे में लगता है कि लोकेश राहुल ओपनर के रूप में खेलंगे| लोकेश के मिडिल में खिलाए जाने की संभवना व्यक्त की जा रही थी और ऐसा लग रहा था कि चेतेश्वर पुजारा पर तलवार गिरेगी, लेकिन बदले घटनाक्रम को देखते हुए लगता है कि चेतेश्वर पुजारा को एक और मौक़ा मिल सकता है, जिसका लाभ उन्हें उठाना ही होगा| पुजारा भारत की नई दीवार के रूप में चर्चित हुए थे, लेकिन फिलहाल उनका प्रदर्शन उनके अपने स्तर का नहीं|
                  गेंदबाजी की बात करें तो बुमराह का प्रदर्शन फाइनल में हार का एक कारण रहा| एक मैच किसी भी खिलाड़ी का बुरा जा सकता है, ऐसे में बुमराह पर अभी से प्रश्नचिह्न लगाना तो सही नहीं| हाँ, इतना निश्चित है कि उसका प्रदर्शन टीम के प्रदर्शन को अवश्य प्रभावित करेगा| इंग्लैंड दौरे के लिए भुवनेश्वर का न चुना जाना भी एक हैरानीजनक फैसला था क्योंकि भुवनेश्वर स्विंग के लिए जाने जाते हैं और इंग्लैण्ड में उनको काफी मदद मिलनी थी|
                  चार अगस्त से भारतीय टीम न सिर्फ इंग्लैण्ड दौरे की शुरूआत करेगी, अपितु WTC के दूसरे संस्करण के अपने अभियान की भी शुरूआत करेगी| इंग्लैण्ड में इंग्लैंड को हराना टेढ़ी खीर है| ऐसे में स्पष्ट है कि भारतीय टीम के सामने बड़ी मुश्किल डगर है| यूँ तो अक्सर कहा जाता कि क्रिकेट में कुछ भी संभव है, लेकिन असंभव को संभव बनाने के लिए करिश्माई प्रदर्शन करना होता है| भारतीय टीम ने कई बार करिश्मा किया है, इस बार करने का सामर्थ्य भी है, लेकिन कर पाएगी या नहीं, यह वक्त बताएगा| 
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1 टिप्पणी:

ccsu ba 1st year result 2021 subject wise ने कहा…

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