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मंगलवार, सितंबर 09, 2025

भारतीय टीम है एशिया कप की प्रबल दावेदार

क्रिकेट खेलने वाले देश गिने-चुने ही हैं और अगर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॉन्सिल के स्थायी सदस्यों की बात करें तो यह संख्या सिर्फ़ बारह है, लेकिन इन बारह में से 5 सदस्य एशिया के हैं, ऐसे में एशिया कप अहम हो जाता है | एशिया कप का आयोजन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए होता है और वर्तमान में यह एकदिवसीय और टी 20 फॉर्मेट में हो रहा है | पुरुषों के एशिया कप का सत्रहवां संस्करण टी 20 फॉर्मेट में यू. ए. ई. में 9 सितंबर से शुरू हो रहा है और इसमें 8 टीमें भाग ले रही हैं | 

पुरुषों के एशिया कप का इतिहास 

पुरुषों के एशिया कप की शुरूआत 1984 में हुई | टी 20 फॉर्मेट की शुरूआत 2005 में हुई, ऐसे में एशिया कप 2005 से पहले एक दिवसीय फॉर्मेट में ही खेला जाता था | अब तक खेले गए सोलह संस्करणों में से चौदह एकदिवसीय फॉर्मेट में खेले गए जबकि दो टी 20 फॉर्मेट में | टी 20 फॉर्मेट का पहला एशिया कप 2016 में खेला गया | 

एक दिवसीय फॉर्मेट का इतिहास 

एशिया कप के एक दिवसीय फॉर्मेट की बात करें तो पहले एशिया कप का आयोजन 1984 में यू. ए. ई में हुआ और इसमें तीन टीमों भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने भाग लिया | इसमें सिर्फ़ तीन मैच खेले गए | फाइनल नहीं खेला गया और ग्रुप स्तर के आधार पर चैम्पियन चुना गया | भारतीय टीम अपने दोनों मैच जीतकर चैम्पियन बनी | दूसरा एशिया कप श्रीलंका में खेला गया | इस बार भी तीन ही टीमें थी, लेकिन इस बार फाइनल मैच भी खेला गया और फाइनल में श्रीलंका पाकिस्तान को हराकर चैम्पियन बना | तीसरा एशिया कप बंगलादेश में 1986 में खेला गया और बंगलादेश की टीम ने पहली बार एशिया कप में भाग लिया | चारों टीमों ने आपस में एक-एक मैच खेला | भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल हुआ और भारतीय टीम दूसरी बार विजेता बनी | चौथे एशिया कप का आयोजन 1990-91 में भारत में हुआ और पाकिस्तान ने इसमें भाग नहीं लिया, जिस कारण तीन टीमों के बीच तीन मैच खेले गए और चौथा मैच फाइनल के रूप में खेला गया | श्रीलंका और भारत की टीमें फिर आमने-सामने थी, भारत ने श्रीलंका को हराकर तीसरी बार ट्रॉफी जीती | पाँचवां एशिया कप यू. ए. ई. में 1996 में खेला गया | इसमें एशिया की चारों प्रमुख टीमों ने भाग लिया | ग्रुप लेबल पर 6 मैच खेले गए | लगातार तीसरी बार भारत और श्रीलंका की टीमें फाइनल में पहुँची और परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ | भारत चौथी बार चैम्पियन बना | छठे एशिया कप का आयोजन 1997 में श्रीलंका में हुआ | इसमें भी चार टीमें थी और इंडिया और श्रीलंका की टीमें लगातार चौथी बार आमने-सामने हुई और इस बार श्रीलंका की टीम फाइनल में भारत को हराने में सफल हुई | श्रीलंका ने दूसरी बार ट्रॉफी जीती | सातवां एशिया कप बंगलादेश में खेला गया | इस बार भी चार ही टीमें थी और फाइनल श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया | भारतीय टीम दूसरी बार फाइनल में पहुँचने से चूकी | पाकिस्तान ने श्रीलंका को हराकर पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया | आठवां एशिया कप 2004 में श्रीलंका में खेला गया । इस बार यू.ए.ई और हांगकांग की टीमों ने भी एशिया कप में भाग लिया | छह टीमों को दो ग्रुप में बाँटा गया । ग्रुप ए में पाकिस्तान, बंगलादेश और हांगकांग की टीमें थीं, जबकि ग्रुप बी में भारत, श्रीलंका और यू.ए.ई की टीमें | दोनों ग्रुप की दो - दो टीमें सुपर फोर में पहुँची और सुपर फोर की टॉप टू टीमों यानी श्रीलंका और भारत के बीच फाइनल हुआ | श्रीलंका ने भारत को हराकर तीसरी बार ख़िताब जीता | 2008 में एशिया कप का नौवां संस्करण पाकिस्तान में खेला किया | इस बार भी छह टीमों ने भाग लिया | ग्रुप ए में श्रीलंका, बंगलादेश और यू. ए. ई. की टीमें तो ग्रुप बी में भारत पाकिस्तान और हांगकांग की टीमें थीं | सुपर फोर के बाद भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल खेला गया और श्रीलंका ने भारत को एक बार फिर हराकर चौथी बार एशिया कप जीता | 2010 में दसवां एशिया कप श्रीलंका में खेला गया और इस बार सिर्फ़ चार टीमों ने भाग लिया | भारत और श्रीलंका की टीमें फाइनल में पहुँची | भारत ने श्रीलंका को हराकर पाँचवी बार ख़िताब जीता | ग्यारहवां एशिया कप 2012 में बंगलादेश में खेला गया । इस बार भी चार ही टीमों ने भाग लिया । बंगलादेश की टीम पहली बार फाइनल में पहुंची लेकिन फाइनल में उसे पाकिस्तान से हार झेलनी पड़ी । पाकिस्तान ने दूसरी बार एशिया कप कप जीता | बारहवां एशिया कप 2014 में बंगलादेश में खेला गया और अफगानिस्तान की टीम ने पहली बार एशिया कप में भाग लिया और बंगलादेश को हराकर पहली जीत भी हासिल की | बंगलादेश अपने सभी मैच हारा | फाइनल श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया और श्रीलंका ने पाकिस्तान को हराकर पाँचवीं बार ख़िताब जीता | एकदिवीस प्रारूप का तेहरवां संस्करण और कुल मिलाकर चौदहवां संस्करण 2018 में यू. ए. ई. में खेला गया | इसमें छह टीमों ने भाग लिया जिन्हें दो ग्रुप में बाँटा गया | ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान और हांगकांग की टीमें थी, तो ग्रुप बी में श्रीलंका, बंगलादेश और अफगानिस्तान के टीमें थी | ग्रुप के बाद सुपर फोर में भारत, पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान की टीमें पहुँची | फाइनल भारत और बंगलादेश के बीच हुआ और इस बार भी भारत ख़िताब जीतने में सफल रहा | एकदिवसीय प्रारूप का चौदहवां संस्करण 2023 में पाकिस्तान और श्रीलंका में आयोजिए हुआ और इसमें भी छह टीमों ने भाग लिया | नेपाल की टीम ने पहली बार एशिया कप में भाग लिया और उसे भारत, पाकिस्तान के साथ ग्रुप ए में रखा गया, जबकि ग्रुप बी में श्रीलंका, अफगानिस्तान और बंगलादेश की टीमें थीं | भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बंगलादेश की टीमें सुपर फोर में पहुँची और भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल खेला गया | भारत ने श्रीलंका को हराकर एक दिवसीय प्रारूप में सातवीं और कुल आठवीं बार एशिया कप जीता | 

टी 20 प्रारूप का इतिहास 

एशिया कप टी 20 प्रारूप में पहली बार 2016 में बंगलादेश में खेला गया और इसमें पाँच टीमों भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बंगलादेश और यू. ए. ई. ने भाग लिया | राउंड रोबिन आधार पर खेले गए इस एशिया कप में भारत और बंगलादेश की टीमें फाइनल में पहुँची | भारत ने बंगलादेश को हराकर टी 20 फॉर्मेट का पहला एशिया कप जीता | टी 20 फॉर्मेट के दूसरे एशिया कप का आयोजन 2022 में यू. ए. ई. में हुआ| इसमें छह टीमों ने भाग लिया | ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान और हांगकांग तथा ग्रुप बी में श्रीलंका, बंगलादेश और अफगानिस्तान की टीमों ने भाग लिया, जिनमें से भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीमें सुपर फोर में पहुँची | फाइनल श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच खेला गया और श्रीलंका की टीम चैम्पियन बनी | 

एशिया कप 2025 

इस साल का एशिया कप टी 20 फॉर्मेट में खेला जा रहा है और इसमें आठ टीमें भाग ले रही हैं, जिन्हें दो ग्रुप में बाँटा गया है | ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान, ओमान और यू. ए. ई. की टीमें हैं, तो ग्रुप बी में श्रीलंका, अफगानिस्तान, बंगलादेश और हांगकांग की टीमें हैं | दोनों ग्रुप की टॉप टू टीमें सुपर फोर में पहुंचेंगी और सुपर फोर की टॉप टू टीमें फाइनल खेलेंगी | भारत की दावेदारी एशिया कप में भारतीय टीम का दबदबा रहा है | अब तक खेले एशिया कप के 16 संस्करणों में भारत ने 8 जीते हैं | भारतीय टीम वर्तमान में टी 20 की विश्व चैम्पियन है और सभी टीमों के वर्तमान प्रदर्शन और विश्व में रैकिंग को देखें तो भारतीय टीम और अन्य टीमों में बड़ा अंतर है | विश्व कप के बाद भले ही कई दिग्गज खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है, लेकिन सूर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारत ने एक भी श्रृंखला नहीं गंवाई है | एशिया कप में भारत के ग्रुप में ओमान और य. ए. ई. के होने से भारतीय टीम का सुपर फोर में पहुँचना निश्चित है | भारत के लिए असली एशिया कप सुपर फोर में शुरू होगा और वह सुपर फोर के तीनों मैच जीतना चाहेगा, ऐसे में ग्रुप ए के मैच टीम के सही संयोजन को चुनने में उसकी मदद करेंगे | 

 अन्य टीमों की दावेदारी 

 ग्रुप ए आसान ग्रुप है और इस ग्रुप से भारत और पाकिस्तान की टीमें सुपर फोर में पहुंचेंगी, लेकिन ग्रुप बी में से कौन सी दो टीमें सुपर फोर में पहुंचेंगी यह कहना मुश्किल है, क्योंकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और बंगलादेश की टीमें बराबरी की क्षमता रखती हैं | सुपर फोर में भारत मज़बूत टीम दिख रही है, उसे फाइनल में पहुँचना ही चाहिए, जबकि दूसरी टीम श्रीलंका हो सकती है | 
             भारतीय टीम अगर अपने स्वाभाविक खेल का 90% भी दे पाई तो वह अन्य टीमों पर भारी पड़ेगी, ऐसे में उम्मीद है कि इस बार का एशिया कप भारतीय टीम ही जीतेगी | 
 डॉ. दिलबागसिंह विर्क
 Email - dilbagvirk23@gmail.com

मंगलवार, अक्टूबर 08, 2024

बंगलादेश के बाद अब न्यूज़ीलैंड को क्लीन स्वीप करना है लक्ष्य

भारतीय क्रिकेट टीम ने बंगलादेश ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच की श्रृंखला 2-0 से जीत ली है । घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम की यह लगातार अठारहवीं श्रृंखला में जीत है । इस प्रकार घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम का पिछले बारह साल से दबदबा क़ायम है । भारतीय टीम को अब न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है । न्यूज़ीलैंड की टीम श्रीलंका से 2-0 से हारकर आ रही है, ऐसे में वह भारतीय टीम को कैसी चुनौती प्रस्तुत करेगी, यह देखना होगा । 

बंगलादेश के ख़िलाफ़ जीत 

जो भारतीय टीम पिछले बारह साल से घर में टेस्ट श्रृंखला नहीं हारी, उसके लिए बंगलादेश को हराना ज़्यादा मुश्किल काम नहीं था, लेकिन बंगलादेश पाकिस्तान को उसके घर में 2-0 से हराकर आई थी, ऐसे में श्रृंखला रोचक होने की संभावना थी और पहले टेस्ट के पहले दो सैशन में लगा भी कि काँटे की टक्कर होने वाली है, लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने ऐसी वापसी की कि बंगलादेशी टीम हतप्रभ रह गई । दूसरे टेस्ट के तीन दिन के खेल में सिर्फ़ पैंतीस ओवर का खेल हुआ था, ऐसे में टेस्ट मैच का परिणाम निकल सकता है, यह सिर्फ़ रोहित शर्मा ने ही सोचा होगा, शेष सब टेस्ट को ड्रा मान बैठे थे । भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 34.4 ओवर में 285 रन बनाकर इतिहास रचा । जीत के लिए बीस विकेट लेने होते हैं, तो गेंदबाज़ों ने भी यह काम बखूबी किया । भारतीय कप्तान के टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनने से विशेषज्ञ हैरान थे, लेकिन इसी निर्णय के कारण भारत पहली पारी बेख़ौफ़ होकर खेल सका, क्योंकि उन्हें पता था कि बंगलादेश ने ज़्यादा रन नहीं बनाए हैं । टेस्ट क्रिकेट इतिहास में बहुत बार ऐसा हुआ है कि मैच दूसरे ही दिन ख़त्म हो जाए, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ होगा कि मैच पहले तीन दिन के ज़्यादातर खेल का बारिश में धुल जाने के बाद अंतिम दो दिन के खेल में कोई टीम मैच बचा न पाई हो । बंगलादेश ने जब चौथे दिन पहली पारी तीन विकेट के नुक़सान पर 107 रन से शुरू की होगी, तब उसने कल्पना भी नहीं की होगी कि भारतीय टीम जीत के इरादे से उतरेगी । पहले गेंदबाज़ों ने बंगलादेश को 233 रन पर समेटा और फिर भारतीय बल्लेबाज़ों ने जो किया वह इतिहास है । हालाँकि भारतीय टीम बड़ी लीड तो नहीं ले पाई लेकिन चौथे ही दिन बंगलादेश 52 रन से पिछड़ने के बाद दूसरी बार बल्लेबाज़ी करने उतरा और 2 विकेट गँवाकर बैकफ़ुट पर चला गया । भारतीय गेंदबाज़ों ने बंगलादेश को दूसरी पारी में महज़ 146 पर समेट दिया, जिससे भारतीय टीम पाँचवें दिन के दूसरे सत्र में ही मैच जीतने में सफल रही । 

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की स्थिति 

बंगलादेश के ख़िलाफ़ 2-0 की जीत का विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की दृष्टि से बड़ा महत्त्व है । भारत को इसके बाद आठ टेस्ट खेलने हैं, जिनमें से तीन मैच न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू मैदानों पर और पाँच मैच आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आस्ट्रेलिया में खेलने हैं । भारत को फ़ाइनल में जगह पक्की करने के लिए पाँच जीत की ज़रूरत है । बंगलादेश के ख़िलाफ़ अगर अंतिम टेस्ट ड्रा हो जाता, तो भारतीय टीम को पाँच जीत के साथ एक ड्रा की ज़रूरत होगी । बंगलादेश से दूसरा टेस्ट जीतकर भारतीय टीम इस स्थिति में पहुँच गई है कि तीन हार उसका खेल नहीं बिगाड़ पाएगी, बशर्ते वह पाँच जीत हासिल कर ले । इस समीकरण में बदलाव भी हो सकता है, क्योंकि आस्ट्रेलिया को अपने अंतिम दो मैच श्रीलंका में खेलने हैं और श्रीलंका भी घरेलू मैदानों पर ख़तरनाक टीम है । संभव है, भारत को पाँच से कम जीत हासिल करने पर भी फ़ाइनल की टिकट मिल जाए, लेकिन पाँच जीत का अर्थ है, कोई भी जीते, भारत को फ़र्क नहीं पड़ेगा ।

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मुक़ाबला 

न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ भारतीय टीम 16 अक्तूबर से तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी । भारत अगर इस श्रृंखला को 3-0 से जीतता है, तो भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुँचने के लिए आस्ट्रेलिया से सिर्फ़ दो टेस्ट ही जीतने होंगे । भारत इसके लिए गंभीर है, तभी बंगलादेश के ख़िलाफ़ टी 20 श्रृंखला हेतु शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, के.एल.राहुल, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह और मुहम्मद सिराज को नहीं चुना गया ताकि इन खिलाड़ियों का लाल गेंद से खेलने की रिद्म बनी रहे । यह एक अच्छी सोच है, क्योंकि बंगलादेश के ख़िलाफ़ टी 20 श्रृंखला उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं, जितनी की न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट श्रृंखला है ।

भारतीय टीम की वर्तमान फॉर्म 

न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ संभवतः उन्हीं खिलाड़ियों को चुना जाए, जो बंगलादेश के ख़िलाफ़ दल में शामिल थे, क्योंकि ऐसा कोई भी खिलाड़ी नहीं रहा, जिसके प्रदर्शन ने निराश किया हो । हाँ इसका अर्थ यह भी नहीं कि सब अच्छा ही है । भारतीय टीम की बल्लेबाज़ बंगलादेश के ख़िलाफ़ बड़ा स्कोर खड़ा करने में असफल रहे हैं । रोहित, कोहली ने छोटी पारियाँ तो आक्रामक शैली में खेली, लेकिन टेस्ट मैच के अनुकूल लंबी पारियाँ खेलनी बाक़ी है । बंगलादेश के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के आधार पर देखें तो जयसवाल का चार पारियों में तीन अर्द्धशतक टीम के लिए अच्छी खबर है । पंत और शुभमन ने भी एक-एक शतक लगाया, लेकिन शुभमन की बाक़ी तीन पारियाँ साधारण रही । के.एल. राहुल ने भी दो अच्छी पारियाँ खेली । अश्विन और जडेजा ने बंगलादेश के ख़िलाफ़ बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन किया है । अश्विन ने बल्ले से शतक लगाकर पहले टेस्ट में भारतीय टीम की वापसी करवाई थी । अश्विन इस श्रृंखला में प्लेयर ऑफ़ द सीरिज़ रहा । बुमराह के नेतृत्व में तेज गेंदबाज़ी भी भारत की ताक़त बनी हुई है । भारतीय टीम के पास बीस विकेट झटकने का मादा है, बस भारतीय बल्लेबाज़ों को अच्छा स्कोर बनाना होगा । 

       संक्षेप में कहें तो भारतीय टीम लगातार तीसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुँचने के कगार पर खड़ी है । विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत 2019 में हुई और तब से भारत टेस्ट में लगातार शीर्ष पर रहा है, हालाँकि उसे उसे चैंपियन बनने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन पाँच साल तक लगातार शीर्ष दो में बने रहना छोटी उपलब्धि नहीं । भारतीय टीम बची हुई दो श्रृंखलाओं में भी शानदार प्रदर्शन करके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के सभी संस्करणों के फ़ाइनल में खेलने वाली एकमात्र टीम बनना चाहेगी । 

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डॉ. दिलबागसिंह विर्क

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मंगलवार, सितंबर 24, 2024

महिला टी 20 विश्व कप में भारत की दावेदारी

महिलाओं का नौवां टी 20 विश्व कप 3 अक्टूबर से सयुंक्त अरब अमीरात में शुरू हो रहा है | विश्व कप का फ़ाइनल 20 अक्तूबर को दुबई में खेला जाएगा । अठारह दिन चलने वाले  इस विश्व कप में 10 टीमें भाग ले रही हैं, जिन्हें दो ग्रुप में बाँटा गया है | पूरे टूर्नामेंट में कुल तेईस मैच खेले जाएँगे, जिनमें तीन नॉक आउट मुक़ाबले ( एक फ़ाइनल और दो सेमीफ़ाइनल ) और बीस ग्रुप स्टेज के मुक़ाबले शामिल हैं ।

भाग ले रही टीमें 

विश्व कप में भाग ले रही आठ टीमों को दो ग्रुप में बाँटा गया है | ग्रुप ए में भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और पाकिस्तान की टीमें हैं, जबकि ग्रुप बी में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज़, बंगलादेश और स्कॉटलैंड की टीमें हैं । सभी टीमें अपने ग्रुप की अन्य चारों टीमों के साथ एक-एक मैच खेलेंगी और इस प्रकार ग्रुप स्तर पर प्रत्येक टीम को चार मैच खेलने होंगे | प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष दो टीमें सेमीफ़ाइनल में पहुँचेगी ।

विश्व कप विजेता टीमें 

अगर आज तक हुए आठ विश्व कप की बात की जाए तो आस्ट्रेलिया का दबदबा साफ़ दिखाई देता है । आठ में से छह बार आस्ट्रेलिया चैंपियन बनी, जबकि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ की टीमें एक-एक बार विश्व कप जीत चुकी हैं । इंग्लैंड ने 2009 के अपने घरेलू मैदान पर खेले गए पहले विश्व कप को जीता, जबकि वेस्टइंडीज़ ने 2018 में भारत में आयोजित विश्व कप जीता । आस्ट्रेलिया ने  2010 में वेस्टइंडीज़ में आयोजित दूसरे विश्व कप, 2012 में श्रीलंका में आयोजित तीसरे विश्व कप और 2014 में बांग्लादेश में आयोजित चौथे विश्व कप को जीतकर  ख़िताब की हैट्रिक लगाई और इसके बाद अब भी वह 2018 में वेस्टइंडीज़ में आयोजित छठे विश्व कप, 2020 में अपने ही घर पर खेले गए सातवें विश्व कप और 2023 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए आठवें विश्व कप को जीतकर दूसरी बार ख़िताब की हैट्रिक पूरी की और वह इस बार लगातार चौथा ख़िताब जीतने का प्रयास करेगी । आस्ट्रेलिया की टीम दूसरे विश्व कप से लगातार फ़ाइनल खेलती आ रही है । 

विश्व कप में भारत 

विश्व कप में भारत के प्रदर्शन की बात करें तो भारतीय टीम भले ही आज तक ख़िताब नहीं जीत पाई, लेकिन उसका प्रदर्शन अच्छा ही कहा जा सकता है । भारतीय टीम 2020 में खेले गए सातवें विश्व कप में उपविजेता रही, पहले, दूसरे, छठे और आठवें विश्व कप में सेमीफ़ाइनल में पहुँची, जबकि तीसरे और चौथे विश्व कप में प्ले ऑफ़ तक खेली और पाँचवें विश्व कप में लीग स्टेज से  बाहर हो गई । पिछले तीन विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में पहुँचना बताता है कि पिछले छह - सात वर्ष से भारतीय टीम निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन जिस प्रकार बड़े मुक़ाबलों में पुरुष टीम लड़खड़ा जाती है, वैसी ही कहानी महिला क्रिकेट टीम के साथ भी घट रही है ।

नौवें विश्व कप हेतु भारतीय दल  

नौवें विश्व कप हेतु भारतीय दल की घोषणा हो चुकी है । हरमनप्रीत कौर टीम की कप्तान हैं और स्मृति मधाना उपकप्तान । ऋचा घोष और यष्टिका भाटिया विकेटकीपर हैं । इसके अतिरिक्त शैफ़ाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, जेमीमा रोड्रिग्स, पूजा वस्त्रकार, अरुंधती रेड्डी, रेणुका सिंह, दयालन हेमलता, आशा सोभना, राधा यादव, श्रेयंका पाटिल और संजना संजीवन को टीम में जगह मिली है, लेकिन यष्टिका और श्रेयंका का टीम के साथ जाना उनकी फ़िटनेस पर निर्भर करता है ।

ग्रुप स्तर पर मुक़ाबले 

ग्रुप स्तर पर भारतीय टीम को ज़बरदस्त टक्कर मिलने की संभावना है । भारतीय टीम अपना पहला मैच चार अक्तूबर को न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ दुबई में खेलेगी । न्यूज़ीलैंड की टीम इस समय चौथी रैंकिंग की टीम है । दोनों के बीच अब तक तेरह मुक़ाबले खेले गए हैं, जिनमें भारत ने चार में जीत हासिल की है और न्यूज़ीलैंड ने नौ में । इस प्रकार न्यूज़ीलैंड का पलड़ा भारी है, लेकिन भारतीय टीम के लिए राहत की बात है कि विश्व कप मुक़ाबलों में दोनों टीमें चार बार आमने - सामने हुई और दोनों ने दो-दो मैच जीते । भारतीय टीम 6 अक्तूबर को अपना दूसरा मैच दुबई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेलेगी । पाकिस्तान की टीम पाँचों टीमों में सबसे कमजोर मानी जा सकती है। इस समय वह आठवीं रैंकिंग पर मौजूद है । भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए पंद्रह मैचों में से पाकिस्तान ने सिर्फ़ 3 में जीत हासिल की है, जबकि भारतीय टीम ने बारह मैच जीते हैं । विश्व कप के दौरान खेले गए सात मैचों में भारतपाकिस्तान से सिर्फ़ एक बार हारा है। इस प्रकार भारतीय टीम का पलड़ा भारी है, लेकिन पाकिस्तान  उल्टफेर करने की क्षमता रखती है ।  भारतीय टीम अपना तीसरा मैच भी दुबई में खेलेगी । 9 अक्तूबर को खेले जानेवाले इस मैच में भारतीय टीम का मुक़ाबला श्रीलंका से होगा । श्रीलंका की टीम भले ही सातवीं रैंकिंग की टीम हो लेकिन उसने हाल ही में एशिया कप के फ़ाइनल में भारत को हराया, ऐसे में विश्व कप में भी वह भारतीय टीम को टक्कर देगी । आज तक श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारतीय टीम द्वारा खेले गए कुल मैचों की बात करें तो भारतीय टीम 25 में से 19 मैच जीती है और पाँच हारी है । एक मैच बेनतीज़ा रहा है । विश्व कप में खेले 5 मुक़ाबलों में श्रीलंका ने एक जीता है और भारतीय टीम ने चार । भारतीय टीम ग्रुप स्टेज का अपना अंतिम मैच 13 अक्तूबर को शारजाह में छह बार की विश्व विजेता और रैंकिंग में शीर्ष पर मौजूद आस्ट्रेलिया की टीम से खेलेगी । दोनों के बीच 34 मुक़ाबले खेले गए हैं, जिनमें से भारतीय टीम ने सिर्फ़ 8 जीते हैं, जबकि 25 में उसे हार मिली है । एक मैच बेनतीजा रहा है । विश्व कप के 7 मुक़ाबलों में भारतीय टीम सिर्फ़ एक जीत पाई है और छह में उसे हार मिली है।

भारतीय टीम की दावेदारी 

आई सी सी रैंकिंग में भारतीय टीम इस समय तीसरे स्थान पर बरकरार है । पिछले तीन विश्व कप से सेमीफ़ाइनल में पहुँच रही है, ऐसे में भारतीय टीम जीत की प्रबल दावेदार है । नॉक आउट मैचों में दिन विशेष का प्रदर्शन महत्त्वपूर्ण होता है, लेकिन सेमीफ़ाइनल तक पहुँचने के लिए चार मैच हैं, ऐसे में भारतीय टीम के सेमीफ़ाइनल में पहुँचने की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन इसके लिए उसे कम से कम तीन मैच जीतने होंगे । भारतीय टीम का हाल ही का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है । टीम भले ही एशिया कप के फ़ाइनल में हारीं लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उसने अच्छा खेल दिखाया । इससे पहले द. अफ़्रीका के ख़िलाफ़ घरेलू सीरिज़ में भी टीम इंडिया ने जीत हासिल की थी ।

कैसे बनेगी टीम इंडिया चैंपियन 

विश्व कप में सभी टीमें मज़बूत हैं, ऐसे में सबसे पहले सेमीफ़ाइनल में पहुँचना एक चुनौती है और इसके बाद दोनों नॉकआउट मैच जीतना टेढ़ी खीर है । भारतीय टीम अगर विश्व चैंपियन बनना चाहती है तो उसे अपनी फ़ील्डिंग के स्तर को सुधारना होगा । कैच छोड़कर मैच नहीं जीते जाते । एशिया कप के फ़ाइनल में हार का कारण भी ख़राब फ़ील्डिंग ही था । अत: इस क्षेत्र में सुधार बेहद ज़रूरी है । इसके अतिरिक्त मज़बूत मानसिकता बहुत महत्त्वपूर्ण है । भारतीय टीम के पास विश्व स्तरीय खिलाड़ी तो हैं, ज़रूरत है तो बड़े मैचों में सर्वश्रेष्ठ देने की । 
               पुरुष टीम ने इस बार विश्व कप की ट्रॉफ़ी जीती है । क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद है कि इस बार महिला टीम भी विश्व कप की ट्राफ़ी को भारत लेकर आएगी ।

डॉ. दिलबागसिंह विर्क
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