भारतीय क्रिकेट टीम ने बंगलादेश ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच की श्रृंखला 2-0 से जीत ली है । घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम की यह लगातार अठारहवीं श्रृंखला में जीत है । इस प्रकार घरेलू मैदानों पर भारतीय टीम का पिछले बारह साल से दबदबा क़ायम है । भारतीय टीम को अब न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलनी है । न्यूज़ीलैंड की टीम श्रीलंका से 2-0 से हारकर आ रही है, ऐसे में वह भारतीय टीम को कैसी चुनौती प्रस्तुत करेगी, यह देखना होगा ।
बंगलादेश के ख़िलाफ़ जीत
जो भारतीय टीम पिछले बारह साल से घर में टेस्ट श्रृंखला नहीं हारी, उसके लिए बंगलादेश को हराना ज़्यादा मुश्किल काम नहीं था, लेकिन बंगलादेश पाकिस्तान को उसके घर में 2-0 से हराकर आई थी, ऐसे में श्रृंखला रोचक होने की संभावना थी और पहले टेस्ट के पहले दो सैशन में लगा भी कि काँटे की टक्कर होने वाली है, लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने ऐसी वापसी की कि बंगलादेशी टीम हतप्रभ रह गई । दूसरे टेस्ट के तीन दिन के खेल में सिर्फ़ पैंतीस ओवर का खेल हुआ था, ऐसे में टेस्ट मैच का परिणाम निकल सकता है, यह सिर्फ़ रोहित शर्मा ने ही सोचा होगा, शेष सब टेस्ट को ड्रा मान बैठे थे । भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 34.4 ओवर में 285 रन बनाकर इतिहास रचा । जीत के लिए बीस विकेट लेने होते हैं, तो गेंदबाज़ों ने भी यह काम बखूबी किया । भारतीय कप्तान के टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनने से विशेषज्ञ हैरान थे, लेकिन इसी निर्णय के कारण भारत पहली पारी बेख़ौफ़ होकर खेल सका, क्योंकि उन्हें पता था कि बंगलादेश ने ज़्यादा रन नहीं बनाए हैं । टेस्ट क्रिकेट इतिहास में बहुत बार ऐसा हुआ है कि मैच दूसरे ही दिन ख़त्म हो जाए, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ होगा कि मैच पहले तीन दिन के ज़्यादातर खेल का बारिश में धुल जाने के बाद अंतिम दो दिन के खेल में कोई टीम मैच बचा न पाई हो । बंगलादेश ने जब चौथे दिन पहली पारी तीन विकेट के नुक़सान पर 107 रन से शुरू की होगी, तब उसने कल्पना भी नहीं की होगी कि भारतीय टीम जीत के इरादे से उतरेगी । पहले गेंदबाज़ों ने बंगलादेश को 233 रन पर समेटा और फिर भारतीय बल्लेबाज़ों ने जो किया वह इतिहास है । हालाँकि भारतीय टीम बड़ी लीड तो नहीं ले पाई लेकिन चौथे ही दिन बंगलादेश 52 रन से पिछड़ने के बाद दूसरी बार बल्लेबाज़ी करने उतरा और 2 विकेट गँवाकर बैकफ़ुट पर चला गया । भारतीय गेंदबाज़ों ने बंगलादेश को दूसरी पारी में महज़ 146 पर समेट दिया, जिससे भारतीय टीम पाँचवें दिन के दूसरे सत्र में ही मैच जीतने में सफल रही ।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत की स्थिति
बंगलादेश के ख़िलाफ़ 2-0 की जीत का विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की दृष्टि से बड़ा महत्त्व है । भारत को इसके बाद आठ टेस्ट खेलने हैं, जिनमें से तीन मैच न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ घरेलू मैदानों पर और पाँच मैच आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आस्ट्रेलिया में खेलने हैं । भारत को फ़ाइनल में जगह पक्की करने के लिए पाँच जीत की ज़रूरत है । बंगलादेश के ख़िलाफ़ अगर अंतिम टेस्ट ड्रा हो जाता, तो भारतीय टीम को पाँच जीत के साथ एक ड्रा की ज़रूरत होगी । बंगलादेश से दूसरा टेस्ट जीतकर भारतीय टीम इस स्थिति में पहुँच गई है कि तीन हार उसका खेल नहीं बिगाड़ पाएगी, बशर्ते वह पाँच जीत हासिल कर ले । इस समीकरण में बदलाव भी हो सकता है, क्योंकि आस्ट्रेलिया को अपने अंतिम दो मैच श्रीलंका में खेलने हैं और श्रीलंका भी घरेलू मैदानों पर ख़तरनाक टीम है । संभव है, भारत को पाँच से कम जीत हासिल करने पर भी फ़ाइनल की टिकट मिल जाए, लेकिन पाँच जीत का अर्थ है, कोई भी जीते, भारत को फ़र्क नहीं पड़ेगा ।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मुक़ाबला
न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ भारतीय टीम 16 अक्तूबर से तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलेगी । भारत अगर इस श्रृंखला को 3-0 से जीतता है, तो भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुँचने के लिए आस्ट्रेलिया से सिर्फ़ दो टेस्ट ही जीतने होंगे । भारत इसके लिए गंभीर है, तभी बंगलादेश के ख़िलाफ़ टी 20 श्रृंखला हेतु शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, ऋषभ पंत, के.एल.राहुल, अक्षर पटेल, जसप्रीत बुमराह और मुहम्मद सिराज को नहीं चुना गया ताकि इन खिलाड़ियों का लाल गेंद से खेलने की रिद्म बनी रहे । यह एक अच्छी सोच है, क्योंकि बंगलादेश के ख़िलाफ़ टी 20 श्रृंखला उतनी महत्त्वपूर्ण नहीं, जितनी की न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट श्रृंखला है ।
भारतीय टीम की वर्तमान फॉर्म
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ संभवतः उन्हीं खिलाड़ियों को चुना जाए, जो बंगलादेश के ख़िलाफ़ दल में शामिल थे, क्योंकि ऐसा कोई भी खिलाड़ी नहीं रहा, जिसके प्रदर्शन ने निराश किया हो । हाँ इसका अर्थ यह भी नहीं कि सब अच्छा ही है । भारतीय टीम की बल्लेबाज़ बंगलादेश के ख़िलाफ़ बड़ा स्कोर खड़ा करने में असफल रहे हैं । रोहित, कोहली ने छोटी पारियाँ तो आक्रामक शैली में खेली, लेकिन टेस्ट मैच के अनुकूल लंबी पारियाँ खेलनी बाक़ी है । बंगलादेश के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के आधार पर देखें तो जयसवाल का चार पारियों में तीन अर्द्धशतक टीम के लिए अच्छी खबर है । पंत और शुभमन ने भी एक-एक शतक लगाया, लेकिन शुभमन की बाक़ी तीन पारियाँ साधारण रही । के.एल. राहुल ने भी दो अच्छी पारियाँ खेली । अश्विन और जडेजा ने बंगलादेश के ख़िलाफ़ बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन किया है । अश्विन ने बल्ले से शतक लगाकर पहले टेस्ट में भारतीय टीम की वापसी करवाई थी । अश्विन इस श्रृंखला में प्लेयर ऑफ़ द सीरिज़ रहा । बुमराह के नेतृत्व में तेज गेंदबाज़ी भी भारत की ताक़त बनी हुई है । भारतीय टीम के पास बीस विकेट झटकने का मादा है, बस भारतीय बल्लेबाज़ों को अच्छा स्कोर बनाना होगा ।
संक्षेप में कहें तो भारतीय टीम लगातार तीसरी बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुँचने के कगार पर खड़ी है । विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत 2019 में हुई और तब से भारत टेस्ट में लगातार शीर्ष पर रहा है, हालाँकि उसे उसे चैंपियन बनने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन पाँच साल तक लगातार शीर्ष दो में बने रहना छोटी उपलब्धि नहीं । भारतीय टीम बची हुई दो श्रृंखलाओं में भी शानदार प्रदर्शन करके विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के सभी संस्करणों के फ़ाइनल में खेलने वाली एकमात्र टीम बनना चाहेगी ।
*****
डॉ. दिलबागसिंह विर्क
*****