मेलबोर्न टेस्ट का पहला दिन दोनों टीमों के लिए संतोषजनक रहा. भारतीय टीम छः विकेट लेने में सफल रही तो आस्ट्रेलियाई टीम ने भी 277 रन बनाकर अपनी स्थिति को संतोषजनक बनाए रखा. भारतीय टीम के लिए अच्छी खबर यह रही कि उसके प्रमुख तेज गेंदबाज़ मैदान पर उतरे. जहीर ने एक अच्छे ओवर के द्वारा टीम आस्ट्रलिया को बैक फुट पर धकेल दिया. उमेश यादव हालांकि सबसे अधिक सफल रहे लेकिन उसने रन भी सबसे अधिक दिए. अश्विन और उमेश ने लगभग हर ओवर में एक-दो कमजोर गेंदे फैंक अपनी मेहनत पर पानी फेरा. फिर भी भारतीय स्थिति अच्छी ही कही जा सकती है. आस्ट्रेलियाई टीम धावा बोलने की स्थिति में नहीं आई. यह भारत की पहली कामयाबी है. भारत को आस्ट्रेलियाई टीम के बचे हुए चार विकेट दूसरे दिन जल्दी निकालने होंगे और उन्हें 350 के भीतर रोकना होगा. अगर भारतीय गेंदबाज़ ऐसा कर पाए तो वो सही अर्थों में अपने कार्य को अंजाम देना होगा.
मैच का परिणाम क्या होगा, इसका फैसला भारतीय बल्लेबाजी ही तय करेगी. भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाकर आस्ट्रेलिया पर दवाब बना सकते हैं. टेस्ट जीतने की सोचना अच्छी बात है, लेकिन मेरा मानना है कि पहले टेस्ट को बचाना जरूरी होता है. आपके मन में यह निश्चित धारणा होनी चाहिए कि पहले उस स्थिति में पहुंचा जाए यहाँ से हार का डर समाप्त हो जाए और फिर हल्ला बोला जाना चाहिए. भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने के साथ साथ पिच पर ज्यादा वक्त भी गुजारना होगा. विशेषकर द्रविड़, लक्ष्मण और कोहली को यह जिम्मेदारी लेनी होगी. सहवाग, गंभीर और तेंदुलकर आक्रामक हैं ही. उन्हें तेज खेलने की छूट के साथ शेष खिलाडियों को विकेट पर पैर जमाने होंगे भले रन औसत कम हो जाए. द्रविड़ के लिए यह कोई मुश्किल काम नहीं. वे अक्सर धीमी और मजबूत पारी खेलते हैं. लक्ष्मण की गिनती भी ऐसे ही बल्लेबाजों में होती है जो लम्बे समय तक टिक सकते हैं. कोहली को भी खुद को इसी श्रेणी में लाना होगा. भारतीय बल्लेबाज जितना ज्यादा समय पिच पर गुजारेंगे भारत के मैच में बने रहने की संभावना उतनी ही अधिक है.
प्रथम टेस्ट का दूसरा दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि यही बताएगा कि भारतीय गेंदबाज़ आस्ट्रेलियाई पारी को कितने पर सिमेटते हैं. इसके बाद निश्चित रूप से भारतीय बल्लेबाज भी अपनी पारी की शुरुआत करेंगे, वे आस्ट्रेलियाई पेस बैटरी का सामना कैसे करते हैं , इसका फैसला भी दूसरे दिन ही होगा. पहले दिन संतुलित नजर आ रहा टेस्ट दूसरे दिन किसी एक टीम की तरफ जा सकता है. कौन सी टीम इसे अपनी तरफ खीचने में सफल होती है, अब यही देखना है.
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मैच का परिणाम क्या होगा, इसका फैसला भारतीय बल्लेबाजी ही तय करेगी. भारतीय बल्लेबाज पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाकर आस्ट्रेलिया पर दवाब बना सकते हैं. टेस्ट जीतने की सोचना अच्छी बात है, लेकिन मेरा मानना है कि पहले टेस्ट को बचाना जरूरी होता है. आपके मन में यह निश्चित धारणा होनी चाहिए कि पहले उस स्थिति में पहुंचा जाए यहाँ से हार का डर समाप्त हो जाए और फिर हल्ला बोला जाना चाहिए. भारतीय बल्लेबाजों को रन बनाने के साथ साथ पिच पर ज्यादा वक्त भी गुजारना होगा. विशेषकर द्रविड़, लक्ष्मण और कोहली को यह जिम्मेदारी लेनी होगी. सहवाग, गंभीर और तेंदुलकर आक्रामक हैं ही. उन्हें तेज खेलने की छूट के साथ शेष खिलाडियों को विकेट पर पैर जमाने होंगे भले रन औसत कम हो जाए. द्रविड़ के लिए यह कोई मुश्किल काम नहीं. वे अक्सर धीमी और मजबूत पारी खेलते हैं. लक्ष्मण की गिनती भी ऐसे ही बल्लेबाजों में होती है जो लम्बे समय तक टिक सकते हैं. कोहली को भी खुद को इसी श्रेणी में लाना होगा. भारतीय बल्लेबाज जितना ज्यादा समय पिच पर गुजारेंगे भारत के मैच में बने रहने की संभावना उतनी ही अधिक है.
प्रथम टेस्ट का दूसरा दिन काफी महत्वपूर्ण होने वाला है, क्योंकि यही बताएगा कि भारतीय गेंदबाज़ आस्ट्रेलियाई पारी को कितने पर सिमेटते हैं. इसके बाद निश्चित रूप से भारतीय बल्लेबाज भी अपनी पारी की शुरुआत करेंगे, वे आस्ट्रेलियाई पेस बैटरी का सामना कैसे करते हैं , इसका फैसला भी दूसरे दिन ही होगा. पहले दिन संतुलित नजर आ रहा टेस्ट दूसरे दिन किसी एक टीम की तरफ जा सकता है. कौन सी टीम इसे अपनी तरफ खीचने में सफल होती है, अब यही देखना है.
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nice
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