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रविवार, दिसंबर 25, 2011

अब भिडंत दो पूर्व नंबर वन टीमों की

भारतीय क्रिकेट टीम अपने आस्ट्रेलियाई दौरे की शुरुआत बाक्सिंग डे पर मेलबोर्न टेस्ट से कर रही है. दोनों टीमें टेस्ट रैंकिंग में नम्बर एक रह चुकी हैं. आस्ट्रेलियाई टीम की लम्बे समय से चली आ रही बादशाहत के बाद भारत भी कुछ समय तक शीर्ष पर विराजमान रहा. लेकिन विदेशी दौरों में कमजोर प्रदर्शन उसके साथ जुडा रहा, हालांकि पिछले कुछ समय से सुधार दिखा था लेकिन इसी वर्ष इंग्लैण्ड का दौरा बेहद खराब गुजरा . इसी दौरे में भारतीय टीम ने नम्बर वन का ताज गंवाया. इंग्लैण्ड दौरे के बाद भारत का पहला विदेशी दौरा है. भारत के सभी प्रमुख खिलाडी इस दौरे पर  टीम के साथ हैं, विशेषकर बल्लेबाजी में भारत पूरी ताकत के साथ उतरेगा. इंग्लैण्ड दौरे में हार का प्रमुख कारण बल्लेबाज ही थे.  टेस्ट मैच में बल्लेबाजी मजबूत होना बेहद जरूरी होता है क्योंकि यदि गेंदबाज सफल नहीं रहते तो भी बल्लेबाज मैच बचा सकते हैं, लेकिन बल्लेबाजों के हथियार डाल देने पर मैच बचाना भी मुश्किल हो जाता है जीतना तो दूर की बात रही. यह निश्चित है कि जीतने के लिए बल्लेबाजी, गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण सभी में अच्छा प्रदर्शन अनिवार्य है, लेकिन मैच बचाने के लिए अकेली बल्लेबाज़ी ही काफी रहती है. नाम के आधार पर बड़े नाम भारतीय टीम में हैं. इंग्लैण्ड दौरे में ये नाम एक साथ नहीं खेल पाए थे. पिछला आस्ट्रेलियाई दौरे में भी गांगुली को छोडकर यही बल्लेबाजी क्रम था. पिछले दौरे में भारत ने जबरदस्त टक्कर देते हुए श्रृंखला बराबरी पर समाप्त की थी. इस बार देखना है भारतीय टीम क्या गुल खिलाएगी. 
                    आस्ट्रेलियाई टीम पिछले कुछ समय से बुरे दौर से गुजर रही है. हाल ही में वे न्यूजीलैंड से लगभग जीता हुआ टेस्ट हार गए. रैंकिंग में उनका चौथे स्थान पर होना भी उनके हाल की दास्ताँ सुना रहा है. न्यूजीलैंड से हार का भारत फायदा उठा पाएगा या नहीं यह देखना है. वैसे आस्ट्रेलियाई मीडिया में इस हार की बहुत आलोचना हुई थी और टीम घायल शेर की तरह है. वह भारत को कुचलकर अपनी गिरी हुई साख को बहाल करना चाहेगी. 
                   दोनों टीमें तेज गति से रन बनाने में यकीन रखती हैं. सारे दिन में दो-तीन विकेट के नुकसान पर लगभग दो सौ रन - ऐसा प्रदर्शन करने में न तो भारतीय टीम यकीन रखती है न ही आस्ट्रेलियाई. वे या तो आउट होंगे या फिर विशाल स्कोर बनाएँगे. ऐसे में मैच का परिणाम निकलने की संभावना बढ़ जाती है. यदि मौसम ने खलल न डाली तो निश्चित रूप से चारों मैचों के परिणाम निकलेंगे जो क्रिकेट के लिए अच्छी खबर है. 
                  भारतीय टीम को शुरुआत में ही सम्भलकर खेलना होगा क्योंकि आस्ट्रेलियाई टीम पहले दिन ही विपक्षी को मैच से बाहर करने में यकीन रखती है और कई सालों से ऐसा करती भी आई है. अगर भारत ने शुरुआत में डटकर मुकाबला किया तो निश्चित रूप से आस्ट्रेलिया टीम दवाब में आ जाएगी क्योंकि जब-जब कोई टीम उनके सामने डटकर खड़ी हुई है तब-तब आस्ट्रेलियाई दवाब में आए हैं. गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने ही उनके विजय अभियान को रोका था और भारतीय टीम ने ही सिद्ध किया था कि आस्ट्रेलिया टीम अजेय नहीं है. देखना यही है क्या भारत इस बार भी वैसी टक्कर दे पाएगा या नहीं जैसी टक्कर उसने 2001 से हर श्रृंखला में दी है.

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