हैदराबाद से शुरू हुआ जीत का सिलसिला मुंबई तक जारी रहा. अब सिर्फ कोलकाता का मैच बाकी है. भारतीय टीम के पास इंग्लैण्ड का सूपड़ा साफ करने का सुनहरी अवसर है. भारतीय टीम निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रही है, इसे देखते हुए आशा है कि भारतीय टीम 5-0 से श्रृंखला जीत सकती है.
भारतीय टीम की जीत का आधार सभी खिलाडियों का बेहतरीन प्रदर्शन है. ऐसा आमतौर पर कम ही होता है कि सभी खिलाडी बढिया प्रदर्शन करें. बल्लेबाजों ने नियमितता दिखाई है. सांझेदारियां जीत का सबसे बड़ा कारण रही हैं. पहले मैच में धोनी-रैना, दूसरे मैच में गंभीर-कोहली, तीसरे मैच में रहाने-गंभीर और धोनी-जडेजा, चौथे मैच में कोहली-रैना ने मिलकर टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया. गेंदबाज़ भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले मैच में अश्विन-जडेजा, दूसरे मैच में विनय कुमार-उमेश यादव और चौथे मैच में आरोण-अश्विन-जडेजा ने मिलकर इंग्लैण्ड की पारी को ध्वस्त किया. सिर्फ मोहाली के मैच में गेंदबाज़ थोड़े महंगे साबित हुए अन्यथा उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा है. मुंबई के मैच में आरोण को उतारा गया और उसने आते ही अपने चयन को सार्थक ठहरा दिया. आरोण इंग्लैण्ड के दौरे से ही टीम इण्डिया का अंग है, लेकिन उसे खेलने का मौका उमेश के चोटिल होने के बाद ही मिला. नए गेंदबाज़ अच्छी गति से गेंदबाज़ी कर रहे हैं, यह भारत के लिए अच्छी खबर है. तेज़ गेंदबाजों को लगातार रोटेशन प्रणाली के अंतर्गत खिलाया जाना चाहिए, जिससे एक तरफ वे चोटिल होने से बचेंगे तो दूसरी तरफ तेज़ गेंदबाजों की लम्बी श्रृंखला तैयार हो जाएगी. इससे एक गेंदबाज़ पर निर्भरता भी समाप्त हो जाएगी जैसे की अब जहीर पर है.
यह श्रृंखला टीम इण्डिया के विश्वास को लौटाने वाली रही है. टीम इण्डिया को इस वर्ष आस्ट्रेलिया का दौरा करना है. हालाँकि टेस्ट टीम में युवा खिलाडियों के लिए जगह कम ही है, लेकिन एक दिवसीय मैचों हेतु इसी टीम के काफी खिलाडी होंगे. खिलाडियों का अगर खुद पर विश्वास बन जाए तो वो जैसे देश में जीत रहे हैं वैसे ही विदेशी धरती पर भी जीत सकते हैं. फ़िलहाल सबकी नजर कोलकाता पर है. देखना है कि भारतीय युवा ब्रिगेड इंग्लैण्ड को यहाँ भी चित करने में सफल होती है या नहीं.
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