भारतीय टीम ने मोहाली में पाँच विकेट की जीत के साथ ही श्रृंखला में अपराजय बढ़त हासिल कर ली है. मुम्बई और कोलकाता में कौन जीतेगा अब यह श्रृंखला की दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं रहा. हाँ भारत को अब इंग्लैण्ड का सूपड़ा साफ करने की सोचनी चाहिए. अगर भारत ऐसा कर पाया तो यह इंग्लैण्ड की जमीन पर मिली पराजय का शानदार तरीके से लिया गया बदला होगा.
तीसरा एकदिवसीय मैच बड़े स्कोर वाला मैच रहा. इंग्लैण्ड ने पहले खेलते हुए 298 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. दिल्ली में कमाल दिखाने वाले तेज़ गेंदबाज़ यहाँ रंगहीन नजर आए. उमेश यादव के पास तेज़ी तो है, लेकिन हर ओवर में वह एक-दो बार लैग साइड की तरफ भटक जाता है, यह कमी पहले के मैचों में भी दिखी थी, लेकिन तब अन्य गेंदबाजों के बनाए दवाब ने उसे बचा लिया था, परन्तु इस मैच में अन्य गेंदबाज़ भी दवाब नहीं बना पा रहे थे, इसलिए वह थोडा ज्यादा महंगा साबित हुआ. विनय कुमार ने शुरुआत तो दिल्ली के प्रदर्शन से की थी , लेकिन अंतिम ओवरों में उसने भी काफी रन दिए परिणामस्वरूप भारत के सामने बड़ा लक्ष्य था. भारतीय बल्लेबाजों ने इस चुनौती को स्वीकार किया. श्रृंखला में पहली बार सलामी जोड़ी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई. अंजिक्य रहाणे ने शानदार 91 रन बनाए. गंभीर, कोहली, धोनी और जडेजा ने भी रन बनाए और चार गेंद शेष रहते जीत भारत की झोली में डाल दी.
इस श्रृंखला में अभी तक भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन में निरन्तरता रही है. क्षेत्ररक्षण में भी काफी सुधार है. गेंदबाज़ी भले ही तीसरे मैच में थोड़ी खराब रही, लेकिन कुल मिलाकर यह प्रदर्शन संतोषजनक कहा जा सकता है. बचे हुए दो एकदिवसीय और एकमात्र टी-20 में भी इसी प्रदर्शन को जारी रखना होगा. श्रृंखला के पहले तीन मैचों में जीत ने भारतीय टीम से उम्मीदें बढ़ा दी हैं. अब देखना है क्या भारतीय टीम इंग्लैण्ड की टीम को जीत के बिना वापिस भेजने में सफल हो पाती है या नहीं.
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर और सार्थक!
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