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मंगलवार, अक्तूबर 11, 2011

क्या भारतीय टीम ले पाएगी बदला ?

अपनी जमीन पर भारतीय टीम को बुरी तरह से ध्वस्त करने वाली इंग्लैण्ड की टीम अब भारत में भारतीय टीम को चुनौती देने उपस्थित है. भारत की धरती पर अब इंग्लैण्ड और भारत के बीच पाँच एक दिवसीय मैच खेले जाने हैं. देखना यह है कि भारत घरेलू परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए इंग्लैण्ड को धूल चटा पाएगा या नहीं. वैसे भारत की टीम अभी भी चोटिल खिलाडियों की समस्या से उबरी नहीं और सचिन, सहवाग, युवराज़, रोहित शर्मा, जहीर खान, मुनाफ पटेल , श्रीसंथ , इशांत शर्मा, आशीष नेहरा आदि खिलाडियों से वंचित है, फिर भी घरेलू परिस्थितियों के कारण उम्मीद है कि भारत की टीम इस बार आत्मसमर्पण न करके इंग्लैण्ड की टीम को कड़ी चुनौती देगी.
                 पहले दो मैचों के लिए जो टीम घोषित की गई है उसमें विकेटकीपर सहित आठ बल्लेबाज़ हैं. गंभीर वापसी कर रहे हैं, इससे नई ओपनिंग जोड़ी देखने को मिल सकती है. इंग्लैण्ड दौरे पर अजिंक्य रहाणे और पार्थिव पटेल ने ओपन किया था. अब गंभीर का आना निश्चित है इससे गंभीर के साथ रहाणे या पार्थिव पटेल में से एक ओपन करेगा. मध्यक्रम में विराट कोहली, सुरेश रैना, रविन्द्र जडेजा और धोनी का खेलना निश्चित है. मनोज तिवारी को मौका दिया जाएगा या नहीं यह निश्चित नहीं . संभव है टीम रहाणे या पार्थिव में से किसी एक को बाहर कर मनोज तिवारी को खिलाए. वैसे यह संभावना कम ही है क्योंकि रहाणे और पार्थिव दोनों ने इंग्लैण्ड में अच्छा प्रदर्शन किया था, अत: उन्हें घरेलू मैदानों पर मौका अवश्य मिलना चाहिए. भले ही बल्लेबाज़ी में सचिन, सहवाग और युवराज़ की कमी खलेगी फिर भी मौजदा बल्लेबाज़ी क्रम बुरा नहीं है. भारतीय पिचें बल्लेबाजों के अनुकूल हैं ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि ये बल्लेबाज़ अच्छा स्कोर खड़ा करने में सफल रहेंगे.
                 गेंदबाज़ी निश्चित रूप से एक समस्या है. भारत के सभी प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ चोटिल होकर बाहर बैठे हैं तो फिरकी गेंदबाज़ हरभजन को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इस समय प्रवीन और अश्विन ही अनुभवी गेंदबाज़ हैं. इन दोनों का खेलना निश्चित है, शेष दो गेंदबाज़ कौन होंगे यह निश्चित नहीं. इंग्लैण्ड दौरे पर टीम प्रबंधन ने तीन तेज़ गेंदबाजों से उतरने की नीति अपनाई थी, यदि वे उसी पर कायम रहते हैं तो वरुण आरोन , उमेश यादव, विनय कुमार और अरविन्द में से दो चुने जाएंगे. संभवत: विनय कुमार और आरोन पहला मैच खेलें. भारतीय पिचों को देखते हुए सिर्फ दो तेज़ गेंदबाज़ से भी खेला जा सकता है. ऐसे में राहुल शर्मा को टीम में जगह मिल जाएगी. गेंदबाज़ी इंग्लैण्ड में भी भारतीय टीम का कमजोर पहलू थी और भारत में भी यह कमजोर पहलू है. भारतीय टीम ने इंग्लैण्ड में खेले गए एकदिवसीय मैचों में अच्छी बल्लेबाज़ी की थी लेकिन गेंदबाजों की असफलता के कारण वे जीत से वंचित रहे थे. यहाँ गेंदबाज़ टीम की लाज बचा पाएंगे या नहीं, यह देखना होगा.
              संक्षेप में कहें तो इंग्लैण्ड के सामने भारतीय पिचें प्रमुख समस्या हैं तो भारत के सामने प्रमुख समस्या उसका कमजोर गेंदबाज़ी आक्रमण है. भारतीय टीम अगर घरेलू परिस्थितियों का लाभ उठाने में सफल रही तो इंग्लैण्ड की टीम को घेरा जा सकता है. कुल मिलाकर यह रोचक श्रृंखला होने वाली है. भारतीय टीम के पास हार का बदला लेने का अच्छा अवसर है. देखना है वे इस अवसर का लाभ उठा पाएंगे या नहीं. 
          
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