ट्रेंटब्रिज की शुरुआत भारतीय गेंदबाजों के जबरदस्त प्रदर्शन से हुई थी लेकिन धीरे-धीरे इंग्लैण्ड ने वापिसी की .भारत हर विभाग में पिछड़ा और अब ऐसी स्थिति आ गई है यहाँ से भारत मुश्किल में घिर चुका है .भारत के जीतने की उम्मीद बेमानी - सी लग रही है .और समय इतना ज्यादा बचा है कि मैच बचाया नहीं जा सकता . भारत को बल्लेबाज़ी करने के लिए लगभग दस घंटे मिलेंगे . भारत अब तक खेली तीन पारियों में किसी भी पारी में छः घंटे से ज्यादा नहीं खेल पाया ,लार्ड्स में उसे सिर्फ सात घंटे खेलना था लेकिन बड़े नाम वाले बल्लेबाज़ कोई करिश्मा नहीं कर पाए . अब वे दो दिन के लगभग समय पिच पर बिता पाएंगे ,ऐसा सोचना ख्याली पुलाव पकाना है .
भारत ने इस टेस्ट मैच को अपनी पकड़ में लेने के बाद गंवाया है , यह सबसे अधिक दुखी करने वाली बात है . इंग्लैण्ड एक समय 124 रन पर आठ विकेट गंवाकर संघर्ष कर रहा था ,लेकिन वह स्कोर को 221 तक पहुँचाने में सफल रहा . इसके बाद भारत फिर सुखद स्थिति में पहुंचा 267 रन तक भारत के सिर्फ चार विकेट गिरे थे , लेकिन युवराज़ की विकेट गिरते ही पूरी टीम 288 पर सिमट गई . भारत ने इंग्लैंड को 70 रन अधिक बनाने दिए और खुद 80 रन कम बनाए. भारतीय टीम इस प्रकार 150 रन का नुक्सान उठा बैठी और यही नुक्सान उसे मैच से बाहर कर रहा है . हालांकि ब्रोड का करिश्माई प्रदर्शन भारत की बुरी दशा का कारण बना फिर भी भारतीय बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ कम दोषी नहीं हैं .
भले ही मैच समाप्त नहीं हुआ ,और मैच के परिणाम की भविष्यवाणी करना जोखिम भरा काम है क्योंकि क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है ,फिर भी भारत के मैच जीतने या बचा पाने की संभावना कम ही है और इस मैच में हार का अर्थ है कि भारत यह श्रृंखला जीत नहीं सकता . यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका होगा .
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2 टिप्पणियां:
आपने बिलकुल सच कहा है क्रिकेट में कभी भी कुछ भी हो सकता है |अच्छा लेख बधाई |
आशा
Our cricketers must play with more enthusiasm and dedication . They easily get complacent by small success.
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