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गुरुवार, जून 23, 2011

रोमांचक हुआ किंग्स्टन टेस्ट

किंग्स्टन टेस्ट रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है .भारतीय टीम ने वेस्ट इंडीज़ के सामने 326 रन का लक्ष्य रखा है .हालाँकि यह तो नहीं कहा जा सकता कि यह लक्ष्य असंभव है लेकिन इसे आसान लक्ष्य भी नहीं कहा जा सकता . चौथी पारी में यदि गेंदबाज़ी दिशा से न भटके तो जीतना मुश्किल नहीं दिख रहा . वेस्ट इंडीज़ इस समय तीन विकेट पर 131 रन बना चुका है .यानि कि मैच जीतने के लिए एक तरफ 195 रन चाहिए तो दूसरी तरफ सात विकेट .
       यहाँ तक भारतीय बल्लेबाज़ी का सवाल है . बड़ी साझेदारी न बना पाना इस दौरे की समस्या रही है . पहली पारी में रैना-हरभजन की साझेदारी ने सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचाया था अगर दूसरी पारी में ऐसी साझेदारी हो जाती तो मैच पर पूरी पकड़ बन सकती थी . इस पारी में द्रविड़ अकेले संघर्ष करते रहे . अभिनव मुकंद ,कोहली और रैना ने अच्छी शुरुआत तो की लेकिन वो पारी को संवार नहीं पाए . द्रविड़ के प्रदर्शन को देखें तो टीम इण्डिया ने 50 रन कम बनाए हैं . फिर भी यह स्कोर बचाव करने लायक तो है ही . अब गेंदबाजों को पहली पारी में किए प्रदर्शन को दोहराना होगा . इशांत और प्रवीन विकेट झटक रहे हैं , यह अच्छी खबर है और जैसे-जैसे गेंद पुरानी होगी हरभजन और अमित मिश्रा भी अपना जलवा दिखाएंगे .
           क्रिकेट में तब तक जीत निश्चित नहीं होती जब तक अंतिम रन न बन जाए या अंतिम विकेट न गिर जाए .ऐसे में कौन जीतेगा यह तो नहीं कहा जा सकता , हाँ , मैच 60 % भारत की पकड़ में हैं .और चौथे दिन आते ही इस पकड़ को और मजबूत करना होगा क्योंकि जैसे-जैसे स्कोर बढ़ेगा मैच भारत के हाथ से निकलेगा .

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