दिल्ली टेस्ट मैच का दूसरा दिन जितना निराशाजनक था, तीसरा दिन उतना ही अच्छा रहा. गेंदबाजों ने फिर एक बार बेहतरीन प्रदर्शन करके भारत को मैच में वापिसी दिला दी. दूसरे दिन के अंत में किसी करिश्मे की जरूरत थी और करिश्मा किया पहला टेस्ट खेल रहे अश्विन ने. अश्विन ने छः विकेट लिए, पहला टेस्ट खेल रहे यादव ने भी दो विकेट लेकर उसका अच्छा साथ निभाया. भारत मैच में वापिस आ चुका है, लेकिन अभी जीत पक्की नहीं. हाँ, मैच चौथे दिन ही समाप्त हो जाएगा, यह निश्चित है. भारत जीत से 124 रन दूर है और उसके आठ विकेट शेष हैं. द्रविड़ और सचिन क्रीज़ पर हैं. सचिन अच्छा खेल रहे हैं. उम्मीद है कि वे भारत को जीत की दहलीज तक लेकर जाएंगे. वैसे चौथी पारी को देखते हुए द्रविड़ और लक्ष्मण दो सबसे विश्वसनीय खिलाडी हैं. जब तक ये दोनों विकेट सलामत हैं जीत की सम्भावना मजबूत है.
भारतीय टीम ने तीसरे दिन सभी विभागों में अच्छा काम किया. गेंदबाजों ने वेस्ट इंडीज को जल्दी समेट दिया. भारतीय टीम को सिर्फ 276 रन का लक्ष्य मिला. यह एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक बढ़त थी. टेस्ट क्रिकेट में 400 रन का लक्ष्य लगभग असंभव माना जाता है. 300 रन का लक्ष्य भी मानसिक रूप से दवाब डालता है. यहाँ लक्ष्य 300 से कम था इस दृष्टिकोण से भारतीय टीम ने बुलंद हौंसलों के साथ जीत के लिए खेलना शुरू किया. सहवाग आमतौर पर पहली पारी के बल्लेबाज़ हैं. उनका बेहतरीन प्रदर्शन पहली पारी में ही निकला है, लेकिन यहाँ उन्होंने महत्वपूर्ण अर्द्धशतक बनाया और टीम को जीत के नजदीक पहुंचाया. कल खेल का पहला घंटा निर्णायक है. यहाँ से भारतीय जीत संभव दिख रही है, बशर्ते बल्लेबाज पहली पारी की तरह तू चल मैं आया का गीत न गाएं.
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