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शुक्रवार, नवंबर 04, 2011

घरेलू श्रृंखला का आगाज दिल्ली से

टेस्ट श्रृंखला में नम्बर वन का ताज गंवाने के बाद भारतीय टीम पहली बार टेस्ट मैच खेलने उतरेगी. इस बार परिस्थितियाँ भारत के पक्ष की हैं. सबसे पहले तो भारत घरेलू मैदान पर खेल रहा है. दूसरा सामना अपेक्षाकृत कमजोर टीम से है. तीसरे बल्लेबाज़ी में भारतीय टीम पूरी ताकत से उतर रही है. भारत के मौजूदा दौर के श्रेष्ठ सात बल्लेबाज़ दिल्ली में खेला जाने वाला पहला टेस्ट मैच खेलेंगे. भारतीय टीम इस बल्लेबाज़ी क्रम के साथ काफी देर बाद उतर रही है. इस टीम में गेंदबाज़ी चिंता का विषय हो सकती है. इशांत शर्मा मुख्य तेज गेंदबाज़ होंगे. उनका साथी वो चाहे एरोन हो या यादव नया खिलाडी होगा , स्पिन विभाग का दायित्व अश्विन के पास होगा. सम्भवत: ओझा उनके साथी होंगे. यह आक्रमण श्रेष्ठ तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन काम चलाऊ जरूर है. वेस्ट इंडीज की टीम को देखते हुए यह लगता है कि भारतीय उन्हें हराने में कामयाब हो जाएंगे. भारत को इस श्रृंखला में मैच गंवाना तो कदापि नहीं चाहिए. भारतीय बल्लेबाज़ी को दो बार आउट करना वेस्ट इंडीज के बस की बात नहीं लगती. देखना तो सिर्फ यही है कि क्या भारतीय गेंदबाज़ वेस्ट इंडीज को दो बार आउट कर पाएंगे ? भारतीय बल्लेबाज़ अगर पूरे रंग में हुए, विशेषकर ओपनिंग जोड़ी तो गेंदबाजों को अतिरिक्त समय मिलेगा जिससे जीत के आसार बढ़ेंगे. 
           भारतीय टीम का चयन सिर्फ एक टेस्ट के लिए हुआ है. दूसरे टेस्ट हेतु टीम बाद में चुनी जाएगी. रणजी ट्राफी के मैच भी साथ-साथ चल रहे हैं. खिलाडी वहां प्रदर्शन करके मौजूदा खिलाडियों के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं. खासकर रविन्द्र जडेजा का तिहरा शतक उन्हें टेस्ट मैच का दावेदार बना रहा है. रोहित शर्मा भी शतक जड चुके हैं. वैसे बल्लेबाजों के लिए सिर्फ एक स्थान ही खाली है और इसके दो दावेदार - युवराज और कोहली इस समय टीम में हैं. सहवाग, गंभीर, द्रविड़, सचिन, लक्ष्मण की जगह निश्चित है. दरअसल युवा पीढ़ी ने अभी तक इन खिलाडियों को चुनौती दी ही नहीं. गांगुली के जाने के बाद से लेकर अभी तक तो छठा बल्लेबाज़ ही स्थायी रूप से जगह नहीं बना पाया. युवराज और रैना में संघर्ष था, जिसे रैना ने गंवा दिया. अब कोहली दावेदार बनकर उभरे हैं. इस जगह को यथाशीघ्र भरना जरूरी है. युवराज और कोहली दोनों में क्षमता है. इस दृष्टि से बल्लेबाज़ी चिंता का विषय नहीं. हाँ गेंदबाज़ी चिंता का विषय अवश्य है. हरभजन वापिसी के लिए रणजी खेल रहे हैं लेकिन अभी तक तो उनके प्रदर्शन में धार नहीं. हालाँकि चैम्पियन लीग में उन्होंने मुंबई को विजेता बनाया था और ग्रीन इण्डिया की तरफ से भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए टीम को संयुक्त विजेता बनने में अहम भूमिका अदा की थी. 
                    वेस्ट इंडीज के खिलाफ श्रृंखला बराबरी की नहीं, लेकिन आस्ट्रेलियाई दौरे की तैयारी हेतु यह बिलकुल उपयुक्त है. भारतीय टीम को इस श्रृंखला को 3-0 से जीतने की सोचनी चाहिए. इससे कम की जीत का अर्थ होगा कि टीम अभी अपने स्तर पर नहीं पहुंच पाई है, जिसका खामियाजा आस्ट्रेलिया में भुगतना पड़ सकता है.

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2 टिप्‍पणियां:

मनोज कुमार ने कहा…

अच्छा विश्लेषण किया है आपने।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

चलिए अब देखते हैं क्या रहता है टेस्ट मैच का रिज़ल्ट ..अच्छा विश्लेषण किया है

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