इंग्लैण्ड ने ओवल में चल रहे चौथे और अंतिम टेस्ट में भारत को पारी और 8 रन से रौंद कर श्रृंखला को 4 -0 से जीत लिया है .44 वर्ष बाद भारतीय टीम चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में व्हाईट वाश का शिकार हुई है . भारतीय टीम इस श्रृंखला में हार के साथ ही नम्बर एक से नम्बर तीन पर आ चुकी है . इस बात में दो राय नहीं हो सकती कि यह टीम पिछले कुछ समय से बेहतरीन खेल रही थी . धोनी अभी तक अपराजय थे ,लेकिन इस दौरे पर भारतीय टीम ने बेहद निराश किया . गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ दोनों असफल रहे . तीसरा और चौथा मैच हम पारी से हारे . जैसे-जैसे श्रृंखला आगे बढ़ी ,टीम का प्रदर्शन कमजोर होता गया . दूसरे टेस्ट में तो भारतीय टीम पहली पारी में बढत लेने में भी कामयाब रही , लेकिन इसके बाद इंग्लैण्ड ने भारतीय गेंदबाजों को बुरी तरह से पीटा . भारतीय बल्लेबाज़ कहीं भी मुकाबला करते नहीं दिखे . द्रविड़ ने हालांकि तीन शतक लगाए लेकिन वे अकेले पड़ गए . सचिन सचमुच महा शतक लगाने के दवाब से नहीं उबर पाए , इसीलिए अंतिम पारी में अच्छा खेलने के बावजूद जैसे-जैसे शतक के करीब पहुंचे वैसे-वैसे तनावग्रस्त दिखने लगे . उनका कैच छूटा , कई अपीलें हुई और आखिर में 91 पर आउट हो गए . अमित मिश्रा ने अंतिम टेस्ट में शानदार बल्लेबाज़ी की , लेकिन बल्लेबाज़ी करना जिनका काम था , वे कुछ नहीं कर पाए .
भारतीय टीम के हार के कारणों को देखें तो फिटनस की समस्या प्रमुख रही . भारतीय टीम किसी भी मैच में पूरी ताकत से नहीं खेल पाई . सहवाग सिर्फ अंतिम दो मैच खेले और इन मैचों में भी वे पूरी तरह से फिट नहीं दिख रहे थे . अपनी चौथी पारी में उन्होंने कुछ शाट लगाए लेकिन तुरंत कंधा भी पकड़ लिया, यह उनकी फिटनस के स्तर को बताता है . गंभीर अंतिम टेस्ट मैच में अनफिट होने के कारण ओपनिंग नहीं कर पाए . युवराज़ , जहीर भी अनफिट होने के कारण श्रृंखला से बाहर हुए . इसका कारण निस्संदेह अत्यधिक क्रिकेट है . विश्व कप के तुरंत बाद IPL का आयोजन करके BCCI ने भले ही करोड़ों कमाए लेकिन खिलाडियों को चोटिल भी करवाया , जिसका खामियाजा इंग्लैण्ड में बुरी तरह हार कर चुकाया . इस श्रृंखला की हार खिलाडियों के कमजोर प्रदर्शन से तो हुई ही , BCCI की नीतियों से भी हुई . खेल को व्यापार समझा गया ,नतीजन हम हारे भी और बेआबरू भी हुए .
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