लार्ड्स टेस्ट दूसरे दिन के खेल के बाद ही भारत के हाथ से निकल गया था .तीसरे ,चौथे दिन के खेल ने भारत को हार के कगार पर ला दिया है .भारत को अंतिम सात घंटे बल्लेबाज़ी करनी है .एक तो यह चौथी पारी है और दूसरा भारत का बल्लेबाज़ी क्रम इससे पहले भी एक दिन नहीं निकाल पाया ,इससे हार के आसार दिख रहे हैं .फिर भी आशा पर संसार टिका है . देखना है नाम से बड़े महारथी बड़ा काम कर पाएंगे या नहीं .
भारत हालांकि फालोन बचाने में सफल रहा था ,लेकिन तीसरे दिन ही ढेर हो जाना भारत को बैकफुट पर ले गया .अगर भारत भले इतने ही रन बनाता , मगर पिच पर ज्यादा समय व्यतीत करता तो ड्रा के आसार बनते थे . मैच ड्रा करने का दूसरा तरीका था इंग्लैण्ड को दूसरी पारी में तेज़ी से रन न बनाने दिए जाते. भारतीय गेंदबाज़ शुरूआती पांच विकेट झटकने के बावजूद रन गति पर अंकुश नहीं लगा सके और वे चायकाल के लगभग एक घंटे बाद तक खेलकर भारत के सामने 458 रन का लक्ष्य रखने में सफल हुए .
भारत के सामने अब पहाड़-सा लक्ष्य है .इसे हासिल करना लगभग असंभव है और भारतीय टीम शायद ही इसे पाने का प्रयास करे .भारतीय टीम का अब एकमात्र लक्ष्य बचे हुए समय को बिताना होगा . निस्संदेह यह भी एक कठिन चुनौती है लेकिन ऐसा नहीं है कि इसे संभव नहीं बनाया जा सकता .बस जरूरत है तो मजबूत हौंसले और दृढ संकल्प की . हार के मुंह से निकल जाने वाले ही असली चैम्पियन होते हैं . भारत नम्बर एक टीम है ,यह दिखाने का सही समय यही है .
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1 टिप्पणी:
nice
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