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सोमवार, फ़रवरी 28, 2011

क्या भारत दावेदार है ?

भारतीय क्रिकेट टीम विश्व कप जीतने की प्रमुख दावेदार मानी जा रही है . यह बात भारतीय टीम को देखते हुए भी कही जा रही है और इसलिए भी कि विश्व कप का आयोजन भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है . परिस्थितियाँ उसके पक्ष में हैं , इसमें दो राय नहीं . बल्लेबाजों ने ताकत दिखा भी  दी है . तीन बल्लेबाज़ शतक लगा चुकें हैं , दो अर्धशतकीय पारी खेल चुके हैं , लेकिन इंग्लैण्ड के साथ खेले गए मैच में भारतीय टीम का विशाल स्कोर की रक्षा न कर पाना चिंताजनक है . हालाँकि भारत हारा नहीं और मैच बराबरी पर छूटा फिर भी भारत को यह मैच जीतना चाहिए था . इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय टीम वास्तव में विश्व कप जीतने की दावेदार है .
           विश्व कप जीतने के लिए टीम को संतुलित होना चाहिए . हर क्षेत्र में प्रभावी प्रदर्शन जरूरी है . भारतीय टीम सिर्फ बल्लेबाज़ी में मजबूत है . क्षेत्ररक्षण में कुछ खिलाडी अच्छे हैं , लेकिन पूरी टीम नहीं . गेंदबाजों की कमियां अभी तक हुए दोनों मैचों में दिखी हैं .पहले मैच में बंगलादेश तीन सौ के लगभग पहुंचा और दूसरे मैच में इंग्लैण्ड 338 रनों के वाबजूद मैच टाई करवाने में सफल रहा . एक क्षण तो यह मैच हाथ से निकलता हुआ लग रहा था . जहीर के एक ओवर ने मैच को पलटा , लेकिन चावला ने फिर मैच को हाथ से निकाल दिया . जहीर की गेंदबाज़ी इस मैच का सकारात्मक पहलू रही , लेकिन अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता . दूसरे गेंदबाजों को जहीर का साथ देना ही होगा .
         मैच में दो स्पिनर खेलें या तीन तेज़ गेंदबाज़ यह एक अन्य यक्ष प्रश्न है . यहाँ तक अन्य टीमें जिनके स्पिनर भारतीय टीम के स्तर के नहीं वे भी तीन स्पिनरों से खेल रही हैं , ऐसे में भारत का दो स्पिनरों से खेलना बुरा नहीं , लेकिन यदि दो स्पिनर अंतिम एकादश में खिलाने हैं तो रणनीति बदलनी होगी . जहीर के ओवर अंतिम ओवरों हेतु बचाने जरूरी हैं . इंग्लैण्ड के मैच को ही लें यदि जहीर का एक ओवर और बचा होता तो मैच का परिणाम कुछ और होना था . जहीर के ओवर बचाने के लिए प्रथम पावर प्ले में स्पिनर से गेंदबाज़ी करवानी होगी . जब बोथा गेंदबाज़ी की शुरुआत कर सकता है तो हरभजन प्रथम पावर प्ले में गेंदबाज़ी क्यों नहीं कर सकता ? टीम को इस बारे में सोचना होगा .
        भारत को झटका लग चुका है और यह झटका टीम के लिए लाभदायक हो सकता है , बशर्ते वे अपनी कमियों , अपनी गलतियों के बारे में सोचें . गेंदबाज़ी में अपनी सीमाओं को समझते हुए गेंदबाज़ों का बेहतर प्रयोग टीम को विश्व कप का दावेदार बना सकता है .  

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